१९४७ में देश री आज़ादी रै बाद स्वतंत्र भारत री राष्ट्र भाषा रै सिंहासन माथे हिंदी नै बिराजमान करण री मुहीम चली. देश रा जितरा ज्यादा राज्य खुद नै हिंदी-भाषी घोषित करै उतरी हिंदी मज़बूत बणे. औ विचार ले'र राजर्षि पुरषोत्तम दास टंडन जैपुर पधार्या अर राजस्थान रा उण वगत रा मुखिया राजनेतावां नै अरज करी कै राजस्थान नै हिंदी भाषी राज्य घोषित करो.
उण वगत राजस्थान में हजार लारै एक आदमी हिंदी बोलणीयो नीं देखीजतो.
पण हिंदी री मज़बूती खातर राजस्थान रा उण वगत रा राज-प्रमुख अर मुख्यमंत्री भारत सरकार नै लिखित प्रस्ताव सौंप दियो. उण प्रस्ताव रै सागै ई राजस्थानवासियों रै मुंडां ऊपर सवा मण रो तालौ जड्ग्यो. उण दिन राजस्थान गूंगौ होयगो. वों तालो आज तक खुल नीं सक्यो.
लारला ६० बरसां में राजस्थानियों नै मार मार'र हिंदी-भाषी बणावा री कोशिश आज तक जारी है. छतां ७०-८० फीसद राजस्थानी आज भी हिंदी कोनी जाणे.
घणी फूटरी जुबान वेताँ थकां गूंगो है म्हारो राजस्थान !
इण गूंगां री गत रा चितराम उकेरती राजस्थानी कवितावां रो एक सार्वजनिक मंच बणेला औ ब्लॉग.
पैली पांत आज स्वर्गीय कन्हैया लालजी सेठिया नै घणे मान सूं याद करां, जिणारो लिख्योड़ो दूहो आपानै मारग घालसी.
खाली धड़ री कद हुवे चेहरा बिना पिछाण
मायड-भाषा रै बिना क्यांरो राजस्थान
8 comments:
मोकळी बधाई !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
शस्वरं
GOONGAN RI GAT TO MADI E HAI ! DEKHO AA GAT KAD SUDHRE !
NUVON BLOG BANAVAN RI MOKLI MOKLI BADHAI !
OM PUROHIT KAGAD
AR
ANKITA PUROHIT {BETI}
Chokho Lagyo........nirantar update karta resyo. aa ij aash......
मोकळी बधाई !
o padya peli laagto k rajniti aala rjasthani ri
kadar kon kare.
Rajasthani bhasha mein aapre inn nuve blog re shubharambh ro swagat, abhinandan ar mokli badhai,shubhkamnavan.
Rajsthani meeran , beesal dev k bina hindi mein maza koni Bhai sa !
Hindi k prati aapka dard aur sangharsh stutya hai.
ghani khamma
ghani chokhi likhi sa , ghani ghani badhai.
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